Sunday

I Love My India...........






दोलत ना अता करना मोला सोहरत न अता करना मोला
बस इतना अता करना चाहे जन्नत न अता करना मोला
समायें वतन की लो पर जब कुर्बान पतंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो


बस एक सदा ही सुने सदा बर्फीली मस्त हवाओं में
बस एक दुआ ही उठे सदा जलते तपते सहराओं में
जीते जी इसका मान रखे मरकर मर्यादा याद रहे
हम रहे कभी न रहे मगर इसकी सजदज आवाज़ रहे
गुजरात न हो गोदरा न हो इंसान न नंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो

गीता का ज्ञान सुने न सुने इस धरती का यस्गान सुने
सब्द कीर्तन सुन न सके हम भारत माँ का जयगान सुने
परवर दिगार लेकर पुकार मैं तेरे द्वार पर कहता हूँ
चाहे अजान न सुने कान पर जय जय हिंदुस्तान सुने
तन मन में हर मन में उच्छल देश प्रेम का जल्द तिरंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो

दोलत ना अता करना मोला सोहरत न अता करना मोला
बस इतना अता करना चाहे जन्नत न अता करना मोला
समायें वतन की लो पर जब कुर्बान पतंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो
होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो.

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